फिर ये देख की कैसे तेरा हो जाऊ।

कैसे मैं यादों का सिलसिला हो जाऊं,
तू है साथ तो कैसे तनहा हो जाऊं .

मुझको छू तू बचपन वाले हाथों से ,
शायद मैं फिर वही खिलौना हो जाऊं.

अगर तू मुझको फिर से पढ़ने आए तो,
ख़ुद को खोलूं और मदरसा हो जाऊं .

फितरत से मैं भरा हुआ पैमाना हूँ,
तू छूले तो और नशीला हो जाऊं .

मेरे आगे अपना चेहरा ला तो सही ,
पत्थर हूँ मैं मगर आईना हो जाऊं.

क़तरा हूँ मैं ये भी तूने सही कहा ,
मगर तू मिल जाए तो दरिया हो जाऊं.

अपनी किसी दुआ में शामिल कर मुझको,
फिर ये देख की कैसे तेरा हो जाऊं.
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